देहरादून। ओडिशा सरकार ने जल्द ही शुरू होने वाली भारत में खो खो की पेशेवर लीग में एक टीम का स्वामित्व हासिल कर लिया है। इसे अल्टीमेट खो-खो (यूकेके) के विकास के लिहाज से एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ओडिशा सरकार ने साल 2013 में हॉकी इंडिया लीग में एक टीम- कलिंग लांसर्स का मालिकाना हक हासिल किया था। अब किसी लीग में ओडिशा सरकार की यह दूसरी प्रत्यक्ष भागीदारी होगी।
यह महत्वपूर्ण घोषणा ओडिशा द्वारा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 के दौरान खो-खो में लड़कों और लड़कियों के वर्ग में रजत पदक जीतने के कुछ दिनों बाद हुई है। ओडिशा स्पोट्र्स डेवलपमेंट एंड प्रमोशन कंपनी के स्वामित्व वाली टीम अल्टीमेट खो खो की पांचवीं फ्रेंचाइजी होगी।
ओडिशा सरकार के खेल एवं युवा सेवा मंत्री तुषारकांति बेहरा ने कहा, “खो-खो ओडिशा के कई हिस्सों में बहुत लोकप्रिय है। हाल ही में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हमारे लड़कों और लड़कियों ने अच्छा खेल दिखाया और रजत पदक जीते। चूंकि यह एक पारंपरिक खेल है, इसलिए हमारे पास इसे राज्य में और विकसित करने की बहुत अधिक गुंजाइश है। इसलिए हमने खो-खो लीग में भाग लेने का फैसला किया है। यह हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक के ओडिशा में खेलों के दृष्टिकोण का हिस्सा है।”
पिछले दशक में, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार ने न केवल देश में कुछ प्रमुख खेल आयोजनों की मेजबानी की है, बल्कि विश्व स्तरीय मल्टी स्पोट्र्स इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया है। ओएसडीपीसी अग्रणी इस्पात निर्माता आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया लिमिटेड (एएम/एनएस इंडिया) के साथ सहयोग कर रही है और अल्टीमेट खो-खो में मिलकर काम करेगी। ओडिशा सरकार के अल्टीमेट खो खो में आने को लेकर अल्टीमेट खो खो के सीईओ तेनजिंग नियोगी ने कहा, “खेल ओडिशा भारत की खेल क्रांति में प्रमुख कारकों में से एक रहा है। एक खेल को विकसित करने में उनका केंद्रित दृष्टिकोण प्रभावशाली रहा है। उन्होंने एक ऐसा वातावरण तैयार किया है जिसने जमीनी स्तर पर विकास और भविष्य के चैंपियन के लिए पहुंच बनाने के लिए कई कॉर्पाेरेट निवेशों को प्रोत्साहित किया है। अब अल्टीमेट खो-खो के साथ उनका जुड़ाव, खेल के विकास के लिए एक बड़ा संकेत है। अल्टीमेट खो खो ने इससे पहले चार फ्रेंचाइजी की घोषणा की थी। कॉरपोरेट दिग्गज अदानी ग्रुप और जीएमआर ग्रुप ने गुजरात और तेलंगाना फ्रेंचाइजी हासिल की, जबकि कैपरी ग्लोबल और केएलओ स्पोट्र्स क्रमशः राजस्थान और चेन्नई टीमों के मालिक हैं।