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उत्तराखंड

दो दिवसीय “इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) राइट्स” देहरादून में शुरू

देहरादून। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारत सरकार के लघु एवम सूक्ष्म उद्यम मंत्रालय के विकास आयुक्त कार्यालय के सहयोग से 20 और 21 दिसम्बर को होटल मधुबन, देहरादून (उत्तराखंड) में दो-दिनीय राष्ट्रीय स्तर कार्यक्रम “इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) राइट्स” का आयोजन कर रहा है। राष्ट्रीय आईपी यात्रा कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार, लघु और सूक्ष्म उद्यम मंत्रालय, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों और संयुक्त और यूनाइटेड से विशेषज्ञों की इस कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों की भागीदारी थी, जिनमें एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, कानून और तकनीकी विश्वविद्यालयों के छात्र भी शामिल थे।
डॉ. रणजीत मेहता, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यकारी निदेशक ने अपने स्वागत भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि बौद्धिक संपदा एमएसएमई और स्टार्ट-अप के लिए है। उन्होंने कहा कि भारत एक उभरता हुआ देश है और पूरी दुनिया की नजर भारत पर है क्योंकि यह सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। उन्होंने बताया कि भारत में डीपीआईआईटी के साथ 1 लाख से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं, जिनमें से 100 से अधिक कंपनियां यूनिकॉर्न हैं। उन्होंने आगे कहा कि अधिक उत्पादों की पहचान करने और उन्हें भौगोलिक संकेत के तहत पंजीकृत करने की आवश्यकता है और इन जीआई उत्पादों का अन्य देशों में निर्यात सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
देव कृष्ण तिवारी, आईएएस, अतिरिक्त सचिव (एमएसएमई), उत्तराखंड सरकार ने अपने उद्घाटन भाषण में उल्लेख किया कि बौद्धिक संपदा की आवश्यकता बहुत पहले महसूस की गई थी और दुनिया भर में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के एकमात्र उद्देश्य से ॅप्च्व् की स्थापना 1967 में की गई थी। उन्होंने एमएसएमई और स्टार्ट-अप को अधिक आईपी अधिकार दाखिल करके राज्य में आईपी प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार। उत्तराखंड राज्य में नवाचार का समर्थन करता है और एमएसएमई और स्टार्ट-अप को अधिक आवेदन दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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