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उत्तराखंड

प्रदेशभर में बच्चों को खिलाई गई कृमि नाशक दवाई

देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्रों को कृमि मुक्ति की दवाई खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने उद्घाटन कार्यक्रम स्थित शासकीय स्कूल गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छात्रों को कृमि मुक्ति की दवाइयां खिलाई गई व बच्चों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व पर जागरूक किया गया। उद्घाटन समारोह में स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति सुधारने के लिए सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का जिक्र किया। उन्होंने कृमि संक्रमण के दुष्प्रभावों को समझाते हुए, सभी बच्चों को समय पर दवाइयां लेने और स्वच्छता के आदतों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग बच्चों व किशोर किशोरियों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए लगातार प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य बीमारियां, संक्रमण और मृत्यु दर को कम करने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। बच्चों व किशोर किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार राष्ट्रीय कार्यक्रमों का संचालन भारत सरकार के सहयोग से करता आ रहा है।
उन्होंने कहा कि, ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’ एक अहम कदम है बच्चों की एक तंदुरूस्त पीढ़ी के निर्माण के लिए जो शरीर और मन दोनो को स्वस्थ करने में मदद करता है। बच्चों, किशोर व किशोरियों में अनीमिया के स्तर को कम करने के लिये समस्त बच्चों को कृमि मुक्त करना अति आवश्यक है इस ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’ कार्यक्रम का यही लक्ष्य है।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम विगत आठ वर्षों से सभी जनपदों में संचालित किया जा रहा है और इस बार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का सोलहवां चरण का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को उपचारित कर उनका स्वास्थ्य व पोषण को बेहतर करना है।

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