देहरादून। उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ ने भर्ती परीक्षाओं को लेकर लोक सेवा आयोग की भूमिका पर कई सवाल खड़े किए। बेरोजगार संघ से जुड़े सदस्यों ने एक स्वर में पूर्व में हुई भर्ती परीक्षाओं में भी धांधली की आशंका जताते हुए सीबीआई जॉच की मांग की। गौरतलब है कि धामी सरकार ने 2021-22 में हुई एई/जेई परीक्षा की जॉच कराकर नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। इनमें भाजपा का पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल भी शामिल है। इसके अलावा लोक सेवा आयोग का एक और सेक्शन अधिकारी भी पकड़ा गया। सीएम धामी ने दोहराया कि गड़बड़ी करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि लोक सेवा आयोग इन धांधलियों को छुपा व दबा रहा है। संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि एक ओर आयोग दावा कर रहा है कि लोक सेवा आयोग उत्तराखंड में पटवारी भर्ती धांधली प्रकरण पहला मामला है, जो कि बिल्कुल गलत है। इसके अलावा अन्य परीक्षाओं के पेपर भी लीक हुए हैं। साथ ही आयोग यह दावा कर रहा है कि चतुर्वेदी को पहली बार अति गोपन विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे अन्य परीक्षाओं में गड़बड़ियों के सवाल ही पैदा नहीं होते । जबकि सच्चाई यह है कि आयोग के अंदर ही कई और चतुर्वेदी हैं। पंवार ने सबूत के तौर पर जेई भर्ती के प्रश्न बैंकों की प्रतिलिपियाँ भी प्रेस वार्ता में पेश की। यदि चतुर्वेदी ने प्रश्न बैंक को बाहर नहीं किया तो किसने इन प्रश्न बैंक को बाहर किया। जिस प्रश्न बैंक को उत्तराखंड के अलावा सहारनपुर, यूपी में परीक्षा से 5 दिन पहले से सैकड़ों छात्रों को पढ़ाया जा रहा था। जिसकी पुष्टि करने के लिए हमारे पास 9 मई 2021 को 2 छात्रों की कॉल रिकॉर्डिंग भी है जिसमें इन सब बातों का जिक्र भी आ रहा है। पटवारी परीक्षा में 380 प्रश्नों का प्रश्न बैंक बाहर था। न तो आम अभ्यर्थियों को यह पता है कि वे कौन से प्रश्न थे और न ही आयोग ने अभी तक इन प्रश्नों को पब्लिक डोमेन में रखा है, जिससे यह संशय की स्थिति बनी है कि 100 से अधिक छात्र जिन्होंने पेपर पढ़ा था वह भी दोबारा इस परीक्षा को देंगे और यह पूरी संभावना है कि इन लोगों का पैसा बचाने और अन्य परीक्षा माफियाओं को बचाने के लिए यह कोशिश हो रही हो।
बेरोजगार संघ ने की भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच की मांग
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