रानीखेत। तहसील के कुलसीबी के खोल्टा निवासी दिगंबर दत्त तिवारी (70) पुत्र स्व. ख्याली राम की बैल के हमले से मृत्यु हो गई। बीच बचाव में उनके पुत्र हेम चंद्र तिवारी का पैर फैक्चर हो गया है जबकि वहीं पर खड़े दो बच्चों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई । ग्रामीणों ने बताया कि दिगंबर दत्त तिवारी अपने दो पौत्रों के साथ दुकान को जा रहे थे। उसी दौरान एक ग्रामीण द्वारा तीन सालों से छोड़े गए बैल ने उन पर हमला कर दिया। हमले में दिगंबर दत्त तिवारी बुरी तरह घायल हो गए जबकि बीचबचाव करने गए उनके पुत्र हेम चंद्र तिवारी को काफी चोट आई और उनका फ्रैक्चर हो गया।
ग्रामीणों ने घायलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। रानीखेत से हल्द्वानी जाते वक्त घायल दिगंबर दत्त तिवारी ने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने कहा कि जानवरों को लावारिस छोड़ने वाले पशुपालकों को कई बार सचेत किया गया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनीं। ग्रामीण बुजुर्ग की असमय मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से कार्रवाई करने और मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। इधर, क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक कन्नू साह ने घटना पर दुख जताया है और ग्रामीणों से पालतू गोवंशीय जानवरों को लावारिस नहीं छोड़ने की अपील की है। प्रधान प्रतिनिधि भूपेंद्र सिंह माहरा ने कहा कि लावारिस बैल को क्षेत्र से बाहर करना जरूरी है।
बैल के हमले में बजुुर्ग की मौत, बीच-बचाव करने आया बेटा गंभीर रूप से घायल
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