भगवान शिव का अद्भुत सिंगार हमें अध्यात्म जगत की ओर इंगित करता हैः गरिमा भारती
देहरादून। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से देहरादून में श्री शिव कथा अमृत आयोजन के चतुर्थ दिवस में गरिमा भारती जी ने भगवान शिव के अद्भुत स्वरूप का वर्णन किया भगवान शिव का अद्भुत सिंगार हमें अध्यात्म जगत की ओर इंगित करता है। जिस प्रकार से यह हमारे बाहर के तीर्थ स्थल, मंदिर इत्यादि हमें घट के तीर्थ में उतर कर उसे जानने के लिए संकेत करते हैं कि वैसे ही भगवान शिव का यह दिव्य श्रृंगार तन पर लगे हुई भस्म इस मानव तन की नश्वरता की ओर संकेत है हमारा जीवन क्षण भंगुर है। पांच तत्वों से बने यह देह एक दिन मुट्ठी भर राख के भीतर बदल जाएगी। उससे पहले हम अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य को जानकर इसे सार्थक करें। वही भगवान शिव के मस्तक पर जो जटा जूट मुकुट है जिसे भगवान भोलेनाथ ने अपना श्रृंगार बनाया वह भगवान की जटाएं हमारे मन में उठने वाले कामनाओ, तृष्णा की ओर एक संकेत है। अनुभवों का मत है आज मानव को ही नहीं मन को भी लग रहे हैं और मन से उत्पन्न रोग तनाव आज समाज में महामारी की तरह फैलता चला जा रहा है। हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति तनाव से ग्रसित है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री विनोद चमोली, विधायक धर्मपुर विधानसभा, देहरादून, भावना शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा, डाॅ. सौरभ मेहरा हड्डी रोग विशेषज्ञ सम्मिलित हुए।