माणा गांव के वेद व्यास मंदिर में मृतक व्यक्तियों की मूर्ति लगाने का विरोध करने जा रहे भैरव संगठन के लोगों को पुलिस ने गौचर से वापस लौटाया
चमोली। देश के प्रथम गांव माणा के वेद व्यास मंदिर में मरे हुए व्यक्तियों की मूर्ति लगाने का विरोध करने जा रहे भैरव संगठन के लोगों को पुलिस द्वारा गौचर से वापस लौटा दिया गया।
बीते रोज देर शाम भैरव संगठन के अध्यक्ष संदीप खत्री, संरक्षक मनोज ध्यानी, संजय पंवार, रविन्द्र चैहान, अनु राजपूत, गणेश जोशी, संदीप नेगी, राजकुमार शर्मा, बलवीर शाह आदि लोग बद्रीनाथ के माणा में वेद व्यास मंदिर में मरे हुए व्यक्तियों की मूर्तियों का विरोध करने के लिए जैसे ही रविवार शाम को गौचर पुलिस चैकी वैरियर पर पहुंचे। पहले से चैकी प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिल्जवाण के नेतृत्व में तैनात पुलिस बल द्वारा उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया। कर्णप्रयाग थानान्र्तगत पुलिस चैकी गौचर में लंबे समय तक कहा सुनी के बाद पुलिस द्वारा उन्हें वापस भेज दिया गया है। चैकी प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिल्जवाण का कहना है कि उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार क्षेत्र में कानून व्यवस्था न बिगड़े इस लिए भैरव संगठन के लोगों को वापस भेजा गया है। भैरव संगठन के लोगों का कहना है कि किसी भी देवी देवताओं के मंदिर में मरे हुए व्यक्तियों की मूर्तियां लगाना शास्त्र सम्मत नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर इसके लिए माणा के प्रधान व कतिपय बद्री केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पुलिस से इस षड़यंत्र में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग भी की है।