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उत्तराखंड

रेलवे एवं बिजली बोर्ड के निजीकरण को लेकर मुख्यालय में प्रदर्शन

रुद्रप्रयाग। रेलवे एवं बिजली बोर्ड के निजीकरण को लेकर देशव्यापी विरोध के चलते मुख्यालय में अखिल भारतीय किसान सभा एवं सीआईटीयू जिला कमेटी ने विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री गंगाधर नौटियाल के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय में प्रदर्शन किया। इससे पूर्व काली कमली धर्मशाला में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री गंगाधर नौटियाल ने कहा कि भारत में आजादी मिलने से पहले बिजली राजाओं, महाराजाओं, बड़े उद्योगपतियों और अंग्रेजों को ही मिलती थी। देश के अधिकांश गांवों व शहरों में अंधेरा छाया रहता था। आजादी मिलने के बाद वर्ष 1948 में भारत सरकार द्वारा बिजली को गांव, शहर, उद्योग व खेती के विकास के लिए चालू किया गया, और इसके लिए बिजली सप्लाई एक्ट 1948 बनाया गया, जिसका उद्देश्य रोजगार पैदा करना, कृषि में उत्पादन बढ़ाना व उद्योगों का विकास करना था। बिजली सप्लाई एक्ट को लेकर विभिन्न राज्यों में बिजली बोर्डाे का गठन हुआ, लेकिन मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद वर्ष 2014 से 2022 तक पांच बार बिजली का निजीकरण करने के लिए लोक सभा में बिल लाया गया। यह सरकार बिजली क्षेत्र को निजी कंपनियों के हवाले करने का मन बना चुकी है। भाजपा सरकार पूरे देश में एक और खतरनाक नीति ला रही है, जिससे बिजली क्षेत्र स्वयं प्राइवेट कम्पनियों के पास चला जाएगा। और बिजली बोर्डाे का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। लाखों कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। इस मौके पर किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल, सीटू जिला महामंत्री वीरेन्द्र गोस्वामी, अषाढ़ सिंह धिरवाण, जिला अध्यक्ष दौलत सिंह रावत, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेन्द्र रावत, जिला कोषाध्यक्ष मदन सिंह रावत, इन्द्र लाल, विकम लाल, धीरज लाल, रमेश सेमवाल, पीताम्बर दत्त उनियाल, सुन्दर सिंह, बलवन्त लाल, कमला देवी, बीरा देवी, विजयलक्ष्मी देवी, हर्षवर्धन रावत, रमेश लाल, गजपाल लाल, भीम सिंह नेगी, ज्ञान सिंह शक्त, गोविन्द लाल आदि कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

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