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उत्तराखंड

लाखामंडल में बहुउद्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल एवं जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के दिशा-निर्देशन में जनपद देहरादून के दूरस्थ क्षेत्र स्थान अटल उत्कृष्ट राजकीय इण्टर कॉलेज लाखामण्डल में बहुउद्घ्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनोज तिवारी एवं मैडम न्यायमूर्ति मंजू तिवारी की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित किया गया। उक्त शिविर में सदस्य सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उत्तराखण्ड प्रदीप मणि त्रिपाठी एवं जिला न्यायाधीश जनपद देहरादून प्रेम सिंह खिमाल उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त अपर जिलाधिकारी, देहरादून, प्रथम अपर जिला जज, विकासनगर नन्दन सिंह राण, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून सैयद गुफरान, अध्यक्ष बार एसोसियेशन, विकासनगर विजय पाल चैधरी, ग्राम प्रधान लाखामंडल मिस सोनिया द्वारा भी उक्त शिविर में प्रतिभाग किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य सरकारी विभागों के अधिकारीगण भी शिविर में सम्मिलित हुये।
न्यायमूर्ति मैडम न्यायमूर्ति एवं मंचासीन अतिथिगणों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर लाखामण्डल क्षेत्र के स्कूलों की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत और स्थानीय संस्कृति को दर्शाने हेतु लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिला न्यायाधीश, देहरादून द्वारा न्यायमूर्ति को इस कार्यक्रम की स्मृति हेतु एक हरित पौधा प्रदान तथा स्मृति चिह्न भेंट किया गया।4.सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून सीमा डुंगराकोटि द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित व्यक्तियों एवं लाखामण्डल क्षेत्र के शिविर में उपस्थित निवासियों को बताया गया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उत्तराखण्ड व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा इस प्रकार के बहुउद्घ्देशीय शिविर समय-समय पर उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों में आयोजित किये जाते रहे हैं। इस प्रकार के बहुउद्घ्देशीय शिविर लगाने का मुख्य उद्देश्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से, क्षेत्र की जनता को, उनके विधिक एवं सामाजिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना है तथा शिविर के माध्यम से उस क्षेत्र के नागरिकों एवं संस्थाओं की आवश्यकताओं एवं समस्याओं को जानकर इस सम्बंध में सम्बन्धित विभागों एवं गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से उनका निदान कराने का प्रयास किया जाता है।

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