उत्तरकाशी। सिलक्यारा में संचालित रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए पॉंच मोर्चों पर संचालित इस अभियान को पूरी क्षमता और तत्परता से अमलीजामा पहनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों ने मौके पर डेरा डाला हुआ है। गत 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के मलवे से सुरंग अवरूद्ध होने के कारण 41 मजदूर अंदर फंसे हैं। केन्द्र सरकार के उपक्रम एनएचआईडीसीएल के द्वारा बनाई जा रही इस सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के अनेक विभाग और एजेन्सियां दिन-रात जुटी हैं।
रेसक्यू के इस महा अभियान को लेकर मौके के हालात और वक्त की जरूरत को देखते हुए तेजी से फैसले लेकर उसे अमली जामा पहनाने, रेसक्यू में जुटी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर उन्हें निरंतर अभियान में जुटाए रखने के साथ ही आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर उनके त्वरित मोबिलाईजेशन व अभियान में उचित समय पर उपयोग जैसे जटिल व चुनौतीपूर्ण कामों को अंजाम देने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारी मौके पर ही जुटे हुए हैं। नतीजा यह है कि बचाव सुरंगों को बनाने व ड्रिलिंग के लिए घने जंगल और खड़ी पहाड़ी के इर्द-गिर्द से लेकर शीर्ष तक भारी मशीनें पहुंचाने के लिए रातों-रात लगभग आधी सड़क बनाकर तैयार कर दी गई। बीआरओ व लोक निमाग्ण विभाग की मशीनें सुबह सुरंग के शीर्ष पर काम करती नजर आई तो हर कोई हैरत में नजर आया। सुरंग में फंसी जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद के लिए युद्धस्तर पर चल रहे इन प्रयासों के प्रतिफल से उम्मीदें बलवती हुई हैं। बताया गया है कि बचाव अभियान के विभिन्न विकल्पों पर काम कर रही एजेंसियों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से खास मशीनों व उपकरणों की खेप सिलक्यारा के रवाना कर दी गई हैं।
इस अभियान को लेकर उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. रंजीत सिन्हा, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं।
सिलक्यारा में सुरंग में रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी
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