देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के अभिभाषणों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘आत्मा के स्वर’ का विमोचन किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) भी मौजूद रहे। ‘आत्मा के स्वर’ पुस्तक राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षान्त समारोह आदि के 108 प्रमुख सम्बोधनों का संकलन है। इस दौरान राजभवन में विभिन्न क्रियाकलापों में अपनायी जाने वाली बेस्ट प्रेक्टिसेज पर आधारित लघु फिल्म ‘‘देवभूमि में कर्तव्य पथ पर दो वर्ष’ को प्रदर्शित किया गया। 10 मिनट की इस लघु फिल्म में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के दो वर्षों के कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में हुई अभिनव पहलों और कार्यों को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जब एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी कोई पुस्तक लिखता है तो समझा जा सकता है कि उसका हृदय भाव और भावनाओं से किस प्रकार भरा हुआ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने हमेशा आगे बढ़कर भारत माता की सेवा की और पिछले दो वर्ष से राज्यपाल के रूप में देवभूमि में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। “महान संकल्प ही महान फल का जनक होता है“, और उन्हें लगता है, ऐसा ही महान संकल्प अपनी पुस्तक ’’आत्मा के स्वर’’ लिखते समय हमारे राज्यपाल ने लिया होगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने विचारों और अपने कार्यों को अंकित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मेरी हार्दिक इच्छा थी कि बहुत सी पुस्तकें लिखुं और अपने अनुभव, विचार और चिंतन को समाज के सामने रखूं। दो वर्षों में उत्तराखण्ड और देश के दूसरे स्थानों में बहुत से कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षांत समारोह और जन संवादों से जो आत्मा के स्वर प्रकट हुए हैं उन्हें उन्हीं भावों, विचारों से पुस्तक ने आकार लिया है। इस पुस्तक में 108 अभिभाषण शामिल किए हैं जो अपने आप में दिव्य अक्षर हैं।