लगभग 900 बीघा भूमि पर जिला प्रशासन ने लहराया अपना परचम
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता आज ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही पर अद्यतन प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही पर लगाकर त्वरित निस्तारण कराएं। उन्होंनें कहा कि सरकार लैंडस्केम मामलों संवेदनशील है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शमन तामिली प्रक्रिया हो त्वरित करें समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराते हुए कार्यवाही तामिली कराएं, पर्याप्त अवसर देने तथा सुनवाई करने के उपरान्त निर्णय लें इस कार्यवाही में समय न लगाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर बाहरी व्यक्ति जिन्होंने नियमों का उल्लंघन करके और तथ्य छुपाकर देहरादून एवं उसके आसपास के इलाकों में भूमि क्रय की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इन लोगों ने अन्य कार्यों के लिए अनुमति लेकर भूमि का उपयोग होमस्टे या फार्म हाउस आदि बनाकर अपने ऐशोआराम व अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। जिससे उत्तराखंड के नागरिकों को जहां भूमि नहीं मिल रही है और दूसरी ओर भूमि के दाम आसमान छू रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ऐसे लोगों की भूमि राज्य सरकार में निहित करने की कार्रवाई की जा रही है। देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत को बचाने और पर्यावरण संरक्षण एवं राज्य के नागरिकों के हित में मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन में उत्तराखंड में नया भू-कानून लागू किया गया है। सख्त भू-कानून लागू होने से अनियंत्रित भूमि खरीद और बिक्री पर रोक लगी है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन इसमें पूरी सजगता से काम कर रहा है।