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उत्तराखंड

अपनी सेवा से नर्स समाज को, उत्तम स्वास्थ्य का उपहार देतीः डॉ. सुजाता संजय

देहरादून। हर साल 12 मई को हम अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाते हैं, लेकिन एक डॉक्टर के तौर पर मैं कह सकती हूँ कि नर्सिंग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक मिशन है सेवा, सहानुभूति और समर्पण का मिशन। आज जब हम अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मना रहे हैं, मैं एक महिला डॉक्टर होने के नाते अपने दिल की गहराइयों से कुछ शब्द उन फरिश्तों के नाम करना चाहती हूँ, जिन्हें हम नर्स कहते हैं। देहरादून स्थित संजय ऑर्थाेपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, देहरादून की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ. सुजाता संजय ने बताया कि किसी मरीज को ठीक करने में नर्साे का योगदान 60 प्रतिशत और डाॅक्टर का योगदान केवल 40 प्रतिशत होता है। जो लड़कियां या लडके सोशल वर्क को कैरियर के रूप में अपनाना चाहते है उनके लिए यह एक बेहतरीन केरियर साबित हो सकता है। आजकल जितनी तेजी से हेल्थ केयर सेंटरों का विकास हो रहा है। इसमें असीम संभावनाओं के द्वार खुलने लगे है। नर्सिग सेवा का सामाजिक अनुबंध होता है जिसमें जीवन की रक्षा के गंभीर उत्तरदायित्व शामिल होते है। सभी देशों में नर्सिग कार्य प्रणाली के बारे मौखिक या लिखित रूप से कुछ नियम कानून बनाये गये है जिनका राष्ट्र या राज्य स्तर पर नियतन किया जाता है। धैर्य और अनुशासन के दायरे में रहते हुए नर्स को टीम भावना के तहत काम करना होता है।

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