Sunday, September 8, 2024
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डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया कर रहा है रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम के जरिए मां और बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतें पूरी

देहरादून। डेटॉल बनेगा स्वस्थ भारत की पोषण पहल के दो वर्षों के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम ने समाज पर काफी सकारात्मक असर डाला है। इस योजना का लक्ष्य अमरावती और नंदुरबार जिलों में कुपोषण के कारण होने वाली बच्चों की मौत को शून्य पर लाना है और हजारों लोगों की जान बचाना है। लगातार किए जा रहे प्रयासों और जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों के माध्यम से, यह कार्यक्रम आज पांच साल से कम उम्र के हजारों बच्चों की मदद कर रहा है। इस काम में मदद के लिए कम्युनिटी न्यूट्रिशन वर्कर्स के नाम से फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का एक कैडर तैयार किया है।
कुपोषण के खिलाफ अपनी लड़ाई में देश की मदद करने के उद्देश्य से, रेकिट और प्लान इंडिया मिलकर बेहतर पोषण में निवेश करते हुए भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य मानकों में सुधार की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। जमीन पर अपने निरंतर प्रयासों के साथ, यह कार्यक्रम प्रत्येक रुपये के निवेश पर 37 रुपये के सामाजिक मूल्य का उत्पादन करने में सक्षम है। 2021 में शुरू किया गया रीच ईच चाइल्ड पहल का तीसरा चरण, माँ और बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिनों के दौरान मदद और देखभाल प्रदान करता है। रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम स्थानीय स्तर पर पहल के माध्यम से 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पर्याप्त पोषण को प्राथमिकता देता है। इस पूरी प्रक्रिया में कम्युनिटी न्यूट्रिशन वर्कर सूचना और सेवाओं के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। कार्यक्रम ने पिछले दो वर्षों में अमरावती और नंदुरबार जिलों के परिवारों पर बड़ा प्रभाव डाला है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के अन्य पिछड़े जिलों में भी अपने प्रयासों को विस्तार देना है, जिससे नई माताओं को भी इसका लाभ मिल सके। अपनी शुरुआत से लेकर अब तक के पूरे सफर में कार्यक्रम के मार्गदर्शक सिद्धांत पोषण के लिए एक जीवनचक्र दृष्टिकोण अपनानाय लिंग संवेदनशीलता और समावेशिताय सामुदायिक स्वामित्व और प्रारंभिक रोकथाम रहे हैं। इस पहल की शुरुआत -5 वर्ष से कम आयु के अविकसित बच्चों की संख्या को 40ः तक कम करने और बहुक्षेत्रीय और बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ बच्चों के कुपोषण को ढ5ः तक कम करने के लिए की गई है। हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नंदुरबार और अमरावती में श्रीच ईच चाइल्डश् कार्यक्रम के तहत हमारे पायलट प्रयास ने बच्चों में कुपोषण से होने वाली मौतों की शून्य स्थिति प्राप्त करने में मदद की है और अस्पताल में प्रसव चुनने वाली महिलाओं के अनुपात में 26 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। रीच ईच चाइल्ड के साथ हमारा उद्देश्य 2024तक 1करोड़ नई माताओं के जीवन में बदलाव लाना है।”

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