Sunday, September 8, 2024
Home उत्तराखंड हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच एक बार फिर तलवारें...

हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच एक बार फिर तलवारें खिंची

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच गईं। हरक द्वारा बार बार अपनी घेराबंदी होती पूर्व सीएम ने आज करारा पलटवार करते हुए हरक की निष्ठा पर ही सवाल उठा दिए हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद भी कांग्रेस में रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गुरूवार को सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में हालांकि रावत ने हरक का नाम नहीं लिखा, लेकिन उनका एक एक शब्द हरक पर ही फूट रहा है।
रावत ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष के मध्य संवाद होना चाहिए। बहुत अच्छा लगता है जब हम एक-दूसरे से मिलते हैं, बातचीत करते हैं या सुझाव देते हैं, यहां तक की प्रशंसा और आलोचना भी लोकतंत्र को शक्ति देती है। मगर यदि कोई बैठक गुपचुप हो, बड़े छिपे अंदाज में हो और कोई सूंघने में माहिर और गिद्ध दृष्टि रखने वाले पत्रकार, राष्ट्रीय पत्र उसको प्रकाशित कर दें। उस बैठक को एक रहस्यमय भेंट के रूप में चित्रित करें। वह भेंट भी उस व्यक्ति के साथ हो जिसके ऊपर कांग्रेस पार्टी अधिकारिक रूप से महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या में हाथ बंटाने का आरोप लगा चुकी हो तो बात कुछ चिंता की हो जाती है। मीडिया में कोई बात आए इसीलिए उसे सत्य नहीं माना जा सकता, लेकिन ऐसा होने पर संबंधित को अपनाी बात रखते हुए खंडन तो करना ही चाहिए। एक खबर और आई, जिसमें हमारे एक नेता विशेष को यह कहते हुए बताया जाता है कि वह भाजपा छोड़ नहीं रहे थे बल्कि उनको भाजपा ने निकाल दिया। कांग्रेस यह मानकर के चल रही है कि उन्होंने भाजपा और भाजपा की सिद्धांतों में विश्वास नहीं रहने की वजह से भाजपा छोड़ी थी। उन्होंने भाजपा के लोकतंत्र विरोधी चेहरे को पहचान लिया है, इसलिए वह कांग्रेस में आए हैं। अब मालूम हुआ कि भाजपा ने निकाल दिया था और कोई विकल्प नहीं बचा तो वो कांग्रेस में आए हैं। उनका कांग्रेस में आना कोई सैद्धांतिक आधार नहीं था। रावत ने इस विषय में पार्टी नेतृत्व को भी स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया है। जिससे कार्यकर्ताओं में भ्रम न फैले।
उत्तराखंड की राजनीति में हरीश और हरक को कटटर प्रतिदद्वंदी माना जाता रहा है। वर्ष 2016 की बगावत के लिए हरीश रावत हरक को ही जिम्मेदार मानते रहे हैं। दोनों के बीच कई बार तीखी बयानबाजियां हो चुकी हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान वक्त ने ऐसा पलटा खाया कि हरक सिंह को पार्टी विरेाधी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए भाजपा ने निष्कासित कर दिया। इसके बाद बामुश्किल उनकी कांग्रेस में एंट्री हुई। हरीश उस वक्त भी हरक को कांग्रेस में लेने के इच्छुक नहीं थे। लेकिन तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और कुछ नेताओं के दबाव के कारण उन्हें भी मानना पड़ा। अब पिछले तीन दिन से हरक एक बार फिर से हरीश के खिलाफ मुखर हैं।

RELATED ARTICLES

स्वास्थ्य विभाग को मिले 197 और सीएचओ

देहरादून। सूबे के स्वास्थ्य विभाग को और 197 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) मिल गये हैं। एच0एन0बी0 उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी ने द्वितीय चरण की काउंसलिंग...

बोल्डर और मलबा गिरने से गंगोत्री हाईवे बाधित

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के बंदरकोट के पास पहाड़ी दरकने का खौफनाक वीडियो सामने आया है। जहां पहाड़ी से लगातार बोल्डर और मलबा गिर रहा है।...

राज्यपाल ने निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालयों के आपसी समन्वय पर जोर दिया

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी निजी...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

स्वास्थ्य विभाग को मिले 197 और सीएचओ

देहरादून। सूबे के स्वास्थ्य विभाग को और 197 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) मिल गये हैं। एच0एन0बी0 उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी ने द्वितीय चरण की काउंसलिंग...

बोल्डर और मलबा गिरने से गंगोत्री हाईवे बाधित

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के बंदरकोट के पास पहाड़ी दरकने का खौफनाक वीडियो सामने आया है। जहां पहाड़ी से लगातार बोल्डर और मलबा गिर रहा है।...

राज्यपाल ने निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालयों के आपसी समन्वय पर जोर दिया

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी निजी...

ट्रैक्टर ट्राली और मिनी बस में भिड़ंत, एक की मौत, एक घायल

हरिद्वार। पिरान कलियर-धनौरी मार्ग पर देर रात लकड़ी से भरी एक ट्रैक्टर ट्राली और मिनी बस में जोरदार भिडंत हो गई। हादसे में मिनी...

Recent Comments