Saturday, May 18, 2024
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विरासत में जय प्रभा मेनन ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम की प्रस्तुति दी

देहरादून। विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2022 के 14वें दिन की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ एवं सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार कि प्रस्तुतियां हुई। जिसमें पहली प्रस्तुति हरियाणा से आए हुए कलाकार प्रेम हरियाणा ने दी, उन्होंने हरियाणा के शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया जो भोले बाबा की स्तुति में था और इसके बोल थे “तू राजा की राजदुलारी “ उसके बाद उन्होंने 2 रागनी प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने “ कन्या हत्याकांड “ और “ कैसे एक फौजी की पत्नी अपने पति से दूर रहती है “ इस प्रस्तुति ने मौजूद सभी दर्शकों के आंखों को नम कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने हरियाणा के शास्त्रीय नृत्य खोडिया से प्रस्तुति को समाप्त किया। उनकी संगत में ढोलक पर (गोविंदा ) हारमोनियम ( हिमांशु ) नगांड़ा (सुरेंद्र) संगीत ( अंकित ,हिमांशु ,मनीषा , तर्क) ने साथ दिया एवं प्रस्तुति को और शानदार बना दिया।
सांस्कुतिक संध्या कार्यक्रम में अगली प्रस्तुति सुजीत कुमार ओझा की हुई जिसमें उन्होंने बिहार के लोक संगीत प्रस्तुत किया। उनकी भक्ति संगीत की प्रस्तुति ने विरासत के लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुवात सगुण भक्ति से निगुन भक्ति की ओर की जिसमे पहले गायन के बोल“आज गोपाल रास“ थे। उसके बाद “मन री कर ले “,“हमन है इसी मस्ताना“,“राम राम सेतु “जैसे कई भक्ति गानों पर प्रस्तुतियां दी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति का समापन “ मोको कहा ढूंढे री बंदे“ से किया। उनके संगत में चेतन निगम (हारमोनियम), गुरबेश (तबला), अनुरोध जैन (एंड परकशन), संकल्प तिवारी,दक्ष वर्मा (वोकल), ऋषभ जोशी, नितिन वर्मा (तानपुरा) ने दिया।
हम सभी जानते हैं कि बिहार की मिट्टी में आत्मा का संगीत है और ’सुजीत कुमार ओझा’ इसका एक सच्चा उदाहरण है। 1977 में जन्मे सुजीत ने स्वाभाविक रूप से आठ साल की उम्र में संगीत की ओर रुख किया। तब से वह लोक संगीत की कई प्रस्तुतियों में मंच पर दिखाई देने लगे। अपने पहले गुरु और दादा श्री भगवान जी ओझा द्वारा लोक संगीत में दीक्षित होने के बाद। बाद में उन्होंने श्री ओम प्रकाश राय, श्री धर्मपाल से शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। पिछले दस वर्षों से, वे प्रसिद्ध गायक और गंधर्व महाविद्यालय, नई दिल्ली के प्रधानाचार्य पद्मश्री पंडित मधुप मुद्गल के संरक्षण में हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से संगीत में स्नातक हैं।

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