```
उत्तराखंड

उत्तराखंड को बनायेंगे पर्यटन का उत्कृष्ट डेस्टिनेशनः महाराज

देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाऐं मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि पंचायती राज श्त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, विकासखण्ड, जिला पंचायत) को सुदृढ़ बनाने हेतु मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जायगी। सड़कों के निर्माण कार्य में और अधिक तेजी लाई जाएगी। उत्तराखंड को पर्यटन का उत्कृष्ट डेस्टिनेशन बनाया जाएगा। प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाऐं मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को अपने अधीनस्थ मंत्रालयों के क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए में कार्य संस्कृति विकसित करने के साथ-साथ तेजी से विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कही है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन की दृष्टि से उत्कृष्ट डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास किया जाएगा। शाक्त, शैव, वैष्णव, गोलज्यू देवता, नाग देवता, नवग्रह सर्किट के अलावा अन्य सर्किटों का विस्तार किया जाएगा और कोरोनाकाल के दौरान सर्किट के निर्माण में आई धीमी रफ्तार में तेजी लाएगी जायेगी। चार धाम के साथ-साथ अन्य धार्मिक स्थलों को भी विकसित किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के कि सपनों को साकार करते हुए उनके विचारों के अनुरूप समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक योजनाएं पहुंचाने का काम किया जाएगा। सीमांत क्षेत्रों के गांव में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाकर पलायन को रोकने का प्रयास किया जाएगा। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि भारत गांवों में बसता है इसलिए प्रदेश में पंचायती राज, त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, विकासखण्ड, जिला पंचायत) को सुदृढ बनाने हेतु मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जायगी। उन्होने कहा कि पंचायतों में अवर अभियन्ता, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास, अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायगा। पंचायतों में डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों की नियुक्तियां की जाएगी। पंचायतों में अच्छे आदर्श स्कूल, अस्पताल खोले जाएंगे, जिससे पलायन पर रोकथाम हो सके। पंचायत में आजीविका संवर्धन हेतु आवश्यक कदम उठाये जाएंगे, जिसमें कौशल एवं क्षमता विकास के प्रशिक्षण कराए जाएंगे। भौगोलिक क्षेत्रों के अनुसार पंचायतों में मूल-भूत आधारभूत ढाचा विकसित किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *