देहरादून। एचडीएफसी बैंक ने घोषणा करके बताया कि इसने भारत में गहराई तक उतरने के लिए ग्रामीण बैंकिंग क्रियाकलाप की रूपरेखा तैयार की है। बैंकिंग उत्पादों को भीतरी इलाकों में और ज्यादा आगे तक ले जाने के लिए, ग्रामीण बैंकिंग इस दिशा में बैंक के मौजूदा अभियानों को संगठित करेगी और उसे अंतिम छोर तक लेकर जाएगी।
एचडीएफसी बैंक में सीनियर एग्ज़िक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट एवं नेशनल ग्रामीण बैंकिंग हेड, अनिल भवनानी ने कहा, ‘‘हम बैंक के विश्वस्तरीय उत्पाद व सेवाएं भारत के सबसे दूरदराज के हिस्सों तक ले जाने के लिए उत्साहित हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक चुनौती एवं एक अवसर, दोनों है, और मैं इस दिशा में काम करने के लिए बहुत उत्साहित हूँ। बैंक की 50 प्रतिशत शाखाएं कई सालों से अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में हैं। इस बढ़े हुए फोकस के साथ, हम इस वित्तवर्ष अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में और ज्यादा शाखाएं खोलेंगे। ये शाखाएं हमारे टचप्वाईंट्स हैं, जिनके माध्यम से हम इन बाजारों के लिए विशेष रूप से डिज़ाईन किए गए उत्पादों का निर्माण करके ग्रामीण इलाकों की जरूरतों को समग्र रूप से पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ बैंक के ‘फ्यूचर – रेडी’ प्रोजेक्ट के तहत रिटेल ब्रांच बैंकिंग द्वारा तैयार, ग्रामीण बैंकिंग व्यवसाय अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनका एक बड़ा हिस्सा अभी भी इसके दायरे से बाहर है। बैंक के साथ 19 सालों से ज्यादा समय से काम कर रहे, अनिल भवनानी को राष्ट्रीय ग्रामीण बैंकिंग हेड के रूप में नियुक्त किया गया है। मौजूदा समय में बैंक की 6,342 शाखाओं में से 50 प्रतिशत शाखाएं अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में हैं, और शेष 50 प्रतिशत शाखाएं मेट्रो और शहरी इलाकों में हैं। दूरदराज के इलाकों में बैंक शाखाओं की सेवाओं का विस्तार करने के लिए बैंक कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) के विलेज़ लेवल एंट्रप्रेन्योर्स (वीएलई) के साथ भी काम करता है।
एचडीएफसी बैंक ने बनाई ग्रामीण बैंकिंग व्यवसाय की रूपरेखा
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