एमएसएमईज की सह-वित्तपोषण व्यवस्था के लिए सिडबी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
देहरादून। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आज एमएसएमईज की सह-वित्तपोषण व्यवस्था के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर श्री लाल सिंह, मुख्य महाप्रबंधक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और श्री विवेक कुमार मल्होत्रा, मुख्य महाप्रबंधक, सिडबी ने हस्ताक्षर किए। सिडबी देश का प्रमुख वित्तीय संस्थान है, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईज) के संवर्धन, वित्तपोषण और विकास में लगा हुआ है।
इस एमओयू के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सिडबी के साथ मिलकर एमएसएमईज की परियोजनाओं/इकाइयों का संयुक्त वित्तपोषण/सह-वित्तपोषण करने पर विचार करेगा। यह एमओयू एमएसएमईज को उनके वित्तपोषण की जरूरतें पूरी करते हुए बैंकों को अपना ग्राहक आधार बढ़ाने में मदद करेगा। समझौते के मुख्य आकर्षणों में व्यवहार्य परियोजनाओं की संयुक्त पहचान करना तथा एमएसएमईज को सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी से जुड़ा वित्तपोषण दिलाना शामिल हैं। प्रारंभ में यह समझौता विशिष्ट केंद्रों पर अमल में लाया जाएगा और एक बार इन केंद्रों पर स्थायी व्यवस्था हो जाने के बाद ज्यादा जगहों को कवर किया जाएगा।
इस अवसर पर बोलते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सीजीएम (एमएसएमई) लाल सिंह ने कहा, “एमएसएमई हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल है जो जीडीपी, निर्यात, विनिर्माण उत्पादन, रोजगार, महिला सशक्तीकरण आदि में योगदान कर रहा है। एमएसएमई बैंक के ध्यान केंद्रित क्षेत्रों में शामिल है और एमएसएमईज का पहला पसंदीदा बैंक बनना यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हमारा लक्ष्य है। सिडबी के साथ हुआ यह गठबंधन एमएसएमई सेक्टर में ऋण का प्रवाह बढ़ाने और एमएसएमई के ग्राहकों को परिचालन सुविधा प्रदान करने का बैंक का सपना साकार करने में मदद करता है। इस साझेदारी के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अपने अखिलभारतीय शाखा नेटवर्क के माध्यम से सिडबी के एमएसएमई ग्राहकों को सामान्य बैंकिंग उत्पाद, जैसे कि चालू खाते, बचत खाते, कार्यशील पूंजी सुविधाएं और अन्य संबंधित सेवाएं प्रदान कर सकता है।