देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि छोटी सी बात पर डॉक्टर से विवाद और उसके बाद तबादले के आदेश से वह आश्चर्यचकित हैं। डॉक्टर का पेशा बेहद संवेदनशील होता है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। डॉक्टर से विवाद और फिर छोटी सी बात पर तबादला करना ठीक नहीं है। इससे जनता में अच्छा संदेश नहीं गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार दोपहर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए राजकीय दून मेडिकल अस्पताल पहुंचे थे। चेकअप और जरूरी जांचे कराने के बाद हरीश रावत पत्रकारों से मुखाबित हुए। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी और दून अस्पताल की वरिष्ठ महिला डॉक्टर निधि उनियाल के बीच हुए विवाद और फिर डॉक्टर का तबादला अल्मोड़ा किए जाने पर हरीश रावत ने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि इसका समाधान निकाला जाना चाहिए था। पहले तो डॉक्टर को किस प्रोटोकॉल के तहत सचिव की पत्नी का स्वास्थ्य जांचने के लिए उनके घर भेजा गया। रावत ने कहा कि वह खुद मुख्यमंत्री रहते भी डॉक्टरों को कम से कम बुलाते थे। यही नहीं कई बार वह खुद स्वास्थ्य जांच कराने मुख्यमंत्री रहते हुए भी अस्पताल पहुंचते थे। उन्होंने शुक्रवार को अस्पताल पहुंचकर खुद भी यह संदेश देने की कोशिश की कि बिना प्रोटोकॉल के सरकारी डॉक्टर को स्वास्थ्य जांचने के लिए घर पर बुलाना ठीक नहीं। वहीं वीआईपी कल्चर को लेकर भी हरीश रावत ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर रोक लगनी चाहिए।
छोटी सी बात पर डॉक्टर के तबादले से आश्चर्यचकित हूंः हरीश रावत
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