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उत्तराखंड

जंगलों में आग लगने से धू-धू कर जल रही वन संपदा

गोपेश्वर। चमोली जिले के नंदानगर स्थित लाखी गांव के जंगल में लगी आग पर वनकर्मियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया। जंगल में लगी आग से पत्थर छिटककर निचले क्षेत्रों में आ गए। वनकर्मी मुश्किल से जान बचाकर भाग निकले। असामाजिक तत्वों ने लाखी वन पंचायत के लखणू तोक के रास्ते में आग छोड़ दी जो जंगल तक जा पहुंची। सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम जंगल पहुंची। फायर वाचरों ने आग पर काबू पाना चाहा लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि कोई भी इसके सामने नहीं जा पाया।
चट्टान पर सूखी घास में आग लगने से पत्थर छिटकने लगे जिस पर वनकर्मियों और ग्रामीणों ने भागकर जान बचाई। वनाग्नि का सबसे अधिक कहर गढ़वाल के जंगलों पर टूट रहा है। यहां आठ घटनाएं रिपोर्ट की गईं हैं। जबकि कुमाऊं में पांच स्थानों पर आग लगी। वनाग्नि की इन घटनाओं में साढ़े आठ हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। गढ़वाल में जिन आठ स्थानों पर आग लगी, सभी आरक्षित वन क्षेत्र का हिस्सा हैं।

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