ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के कॉरपोरेट कार्यालय ऋषिकेश, प्रोजेक्ट्स और यूनिट कार्यालयों में 35वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। राजीव विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक द्वारा ऋषिकेश में टीएचडीसीआईएल का झंडा फहराया गया और उपस्थित जनसभा को संबोधित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजीव विश्नोई, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, और जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जनसभा को संबोधित करते हुए राजीव विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि पिछले 34 वर्षों में निगम ने अनगिनत उतार चढ़ाव देखे द्य भीषण संघर्षों तथा चुनौतियों के दौर को भी जिया और साथ ही सफलताओं तथा उपलब्धियों की आभा भी देखी। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में निगम की छवि व प्रतिष्ठा में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है जिससे आज निगम की पहचान हाइड्रो क्षेत्र की एक विशेषज्ञ संस्था के रूप में हुई है द्य इस अवसर पर उन्होंने निगम के सभी पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों के योगदान का भी विशेष स्मरण किया। इस अवसर पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एवं निदेशक (वित्त) द्वारा मेधावी छात्र पुरस्कारों के विजेता और कर्मचारियों के लिए निगम द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया द्य इस अवसर पर विभिन्न मनमोहक सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। निगम के सभी कार्यालयों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। वीर सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (मा.सं.) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस आयोजन के दौरान निगम के अनेक अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है। टिहरी बांध एवं एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी(400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट एवं द्वारका में 63 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं कासरगॉड केरल में 50 मेगावाट की सौर परियोजना के साथ टीएचडीसीआईएल की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गई है।