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उत्तराखंड

डॉ. रेणु सिंह ने एफआरआई के निदेशक का पदभार संभाला

देहरादून। मध्य प्रदेश कैडर के भारतीय वन सेवा अधिकारी डॉ. रेणु सिंह (1990 बैच) ने निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून का पद संभाला। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने 28 मार्च को डॉ. रेनू सिंह को वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के निदेशक के पद पर नियुक्त किया है। डॉ. रेनू सिंह 1990 बैच की भारतीय वन सेवा की मध्य प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं। उनसे पहले ए.एस. रावत, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के पास निदेशक, एफआरआई का भी अतिरिक्त प्रभार था।
वे विदुषी महिला होने के साथ ही उन्हें अनेक उच्च शैक्षणिक योग्यताएँ प्राप्त हैं। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान और वानिकी में स्नातोकोत्तर तथा वनस्पति विज्ञान में एम. फिल उपाधि प्राप्त की हैं। उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स, यूनाइटेड किंगडम द्वारा ष्जेंडर, पार्टिसिपेशन एंड कम्यूनिटी फॉरेस्ट्री रू द केस ऑफ़ जॉइंट फारेस्ट मैनेजमेंट इन मध्य प्रदेशष् शीर्षक शोध पर पीएचडी से सम्मानित किया गया था। निदेशक एफआरआई के रूप में कार्यग्रहन करने से पहले, डॉ. रेनू सिंह जी भोपाल में मध्य प्रदेश वन विकास निगम के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थीं तथा उन्हें मध्य प्रदेश सरकार के अंतर्गत विभिन्न क्षमताओं में काम करने का व्यापक अनुभव है। डॉ रेनू सिंह को वन नीति, वन प्रबंधन और अनुसंधान के मुद्दों में व्यापक अनुभव है। वानिकी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन मुद्दों में उनकी विशेष रुचि है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज, कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी और यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन जैसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में विभिन्न जैव विविधता, वन और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विषयों में भाग लिया और उनका प्रतिनिधित्व किया। एक फील्ड प्रैक्टिशनर के रूप में, उन्हें मध्य प्रदेश वन विभाग में काम करते हुए ग्रामीण समुदायों को समाहित करते हुए संयुक्त वन प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने और जंगल से उनकी आजीविका संबंधी जरूरतों को पूरा करने का व्यापक अनुभव है।

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