देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा फिर मजबूती से उभर कर सामने आई है। कांग्रेस भाजपा की सत्ता उखाड़ने की चक्कर मे खुद उखड़ गई है। देहरादून जिले में ही भाजपा ने 10 में 9 सीटों पर फिर से कब्जा जमाया है। कांग्रेस चकराता में ही अपनी इज्जत बचा पाई है। चकराता से कांग्रेस के प्रीतम सिंह ने जीत दर्ज की है। 2017 के चुनाव में भी ये सीटें भाजपा ने ही जीती थी।
उधर, टिहरी में भाजपा ने 6 में से 1 सीट गंवाई है। भाजपा 5 सीटों पर ही कब्जा जमाने पर कामयाब रही है। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में ये सभी सीटें भाजपा के पास थी। कांग्रेस प्रतापनगर सीट को ही भाजपा से छीनने में सफल रही है। प्रतापनगर में कांग्रेस के विक्रम सिंह नेगी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा विधायक विजय सिंह पंवार को पराजित किया है। यह भी बता दें कि टिहरी सीट से भाजपा ने सिटिंग विधायक धन सिंह नेगी का टिकट काटकर कांग्रेस के किशोर उपाध्याय को टिकट देकर चुनाव मैदान ने उतारा है। भाजपा की यह रणनीति कारगर साबित हुई। किशोर ने टिहरी सीट से जीत दर्ज की। वह इस सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हैं।
सबसे बड़ी खबर यह है कि राज्य को बनाने में सबसे अधिक संघर्ष महिलाओं का माना जाता है। बड़ी उम्मीदों से बने राज्य की राजधानी में केवल प्रदेश बनने के बाद नहीं बल्कि 1952 से ही एक भी महिला विधायक नहीं बन पाई, लेकिन अब देहरादून बदल रहा है और आने वाले समय में यह एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। जी हाँ देहरादून जिले में इस बार के विधानसभा चुनाव में एक नया रिकॉर्ड बना है। देहरादून जनपद में पहली बार कोई महिला विधायक बनी है। कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक स्वर्गीय हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर ने जीत हासिल की है। इस तरह उन्होंने सियासत में कपूर परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। बता दें, हरबंस कपूर 8 बार विधायक रहे हैं। पिछले साल उनके आकस्मिक देहांत के बाद कैंट सीट रिक्त हो गई थी।
देहरादून जिले की 10 में से 9 और टिहरी की 6 में से 5 सीटें भाजपा की झोली में
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