देहरादून। नो-कोड टेक्नोलॉजी, दरअसल इस सोच को अमल में लाने का तरीका है कि लोग कोड लिखे बिना या कोडिंग करने का तरीका जाने बिना भी सॉफ्टवेयर तैयार कर सकें। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के तरीके को आम लोगों के लिए आसान बनाकर दुनिया के हर कारोबार को डिजिटाइज करने के इरादे के साथ क्विक्सी प्लेटफॉर्म को विकसित किया गया था। दुनिया की आबादी के सिर्फ 0.03ः लोग ही कोड लिख सकते हैं और एप्लिकेशन तैयार कर सकते हैं, जिससे पता चलता है कि आज के जमाने में डिजिटाइजेशन की भारी मांग के बावजूद कोडिंग के जानकार लोगों की भारी कमी है। डिजिटल सॉल्यूशन तैयार करने के लिए दो चीजें यानी फंक्शन डोमेन की गहरी समझ और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कोड लिखने की जानकारी बेहद जरूरी हैं। ऐसे लोगों की संख्या बेहद कम है, जिन्हें डोमेन की गहरी समझ के साथ-साथ कोड लिखने की जानकारी है। यहीं पर नो-कोड टेक्नोलॉजी काम आती है, जहाँ क्विक्सी जैसे प्लेटफॉर्म ऐसे लोगों को भी कोड लिखने की जानकारी के बिना सॉल्यूशन तैयार करने के योग्य बना देते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी की ज्यादा जानकारी नहीं है। कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति ऑटोमेशन कर सकता है तथा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बनाने और बेचने के कौशल का व्यावसायिक रूप से फायदा उठा सकता है।