पतंजलि व निम का संयुक्त अन्वेषण अभियान दल रक्तवन आरोहण को रवाना
उत्तराकाशी। हिमालय के दुर्गम तथा भौगोलिक औषधीय सर्वेक्षण करने के लिए योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रिणी पतंजलि आयुर्वेद, हरिद्वार और निम का संयुक्त अन्वेषण अभियान दल गंगोत्री हिमालय के रक्तवन आरोहण को रवाना हो गया है। यह पहला अवसर होगा जब कोई संयुक्त अभियान दल रक्तवन का आरोहण कर गंगोत्री हिमालय के अनाम और अनारोहित पर्वत चोटियों और वनस्पतियों को दुनिया के सामने लाने का काम करेगा।
दल का नेतृत्व आयुर्वेद योगपीठ के कुलपति आचार्य बालकृष्ण व निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट करेंगे। सोमवार को निम पहुंचे आचार्य बालकृष्ण ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पंतजलि ने योग और आयुर्वेद से हटकर एक और साहस का कदम उठाया है, जिसके तहत गंगोत्री के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में पर्वतारोहण तथा अन्वेषण (खोज) अभियान चलाकर वनस्पति, प्राकृतिक स्वरूप और आरोहण की नई संभावनाएं तलाशी जाएंगी। जिन चोटियों और दुर्लभ वनस्पतियों से भारत को लाभ हो सकता है, उस दिशा में ये एक नया कदम है। इन क्षेत्रों में जो भी पेड़-पौधे और जड़ी बूटियां उपलब्ध हैं, उनका डेटा तैयार कर उनके औषधीय गुणों पर शोध किया जाएगा। वहीं निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि इससे पहले इस क्षेत्र में 1981 में ज्वाइंट इंडो फ्रेंच एक्सप्लोरेशन टीम ने अन्वेषण का कार्य किया, लेकिन टीम रक्तवन के आरोहण में असफल रही और श्यामण ग्लेशियर से ही नीचे उतर गई। हालांकि टीम ने कुछ नई चोटियों जैसे चतुर्वंशी, श्यामण आदि चोटियों की खोज की। बिष्ट ने कहा कि इस बार हमारी टीम 42 साल बाद रक्तवन ग्लेशियर में लगभग 6 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित अनाम तथा अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण कर अन्वेषण का कार्य करेगी। उन्होंने कहा की अभियान सफल रहा, तो भारतीय जड़ी-बूटी शोध के क्षेत्र में पंतजलि के लिए यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। हिमालय में दुर्गम तथा भौगोलिक औषधियों का सर्वेक्षण करने के लिए संयुक्त अन्वेषण अभियान दल के सभी सदस्य मंगलवार सुबह गंगोत्री के लिए रवाना होंगे। जहां से भोजवासा होते हुए रक्तवन में बेस कैंप लगेगा। इसके बाद अभियान अपने मिशन पर आगे बढ़ेगा। जिसमें भारतीय पर्वतारोहण संस्थान भी अपना सहयोग करेगा। इस संयुक्त अभियान में संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के अलावा संस्थान के दो पर्वतारोहण प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई और आईएमएफ के प्रतिनिधि बिहारी सिंह राणा भी शामिल होंगे। अभियान में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के कुलपति आचार्य बालकृष्ण समेत कुल 10 सदस्यीय टीम रहेगी।