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उत्तराखंड

महाराज ने की नितिन गडकरी से मुलाकात

देहरादून। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच उत्तराखंड की कई योजनाओं को लेकर चर्चा हुई। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने नितिन गडकरी को एक पत्र भी सौंपा है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि हड़ताल के दौरान हटाये गये विभाग के 196 संविदा कर्मी कनिष्ठ अभियंताओं को बहाल कर दिया गया है। वहीं, महाराज ने सड़क परियोजनाओं एवं रोपवे को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों के बाद विभाग में संविदा पर कार्यरत कुल 304 कनिष्ठ अभियंता (सिविल, प्राविधिक, विद्युत औ यांत्रिक) में से 181 हड़ताली और 16 कनिष्ठ अभियंता जो हड़ताल में शामिल नहीं थे, ऐसे सभी 196 संविदाकर्मी जिन्हें हड़ताल में शामिल होने के चलते संविदा विस्तार न दे कर सेवा से हटा दिया गया था। लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के हस्तक्षेप के बाद उन्हें पुनः सेवा में बहाल कर दिया गया है। जबकि शेष 90 संविदा कर्मी कनिष्ठ अभियंताओं की बहाली हेतु प्रकरण वित्त विभाग को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। शीघ्र ही वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद इन्हें भी कार्य कर रख लिया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने हड़ताल के कारण हटाए गए कनिष्ठ अभियंताओं की बहाली पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इनकी बात को सुना और उन्हें पुनः सेवा का मौका दिया। उन्होंने कहा कि बहाल हुए संविदा कर्मियों को 8-10 वर्षों का अनुभव है. वर्षा के कारण पहाड़ों में जगह-जगह सड़कें बाधित हो रही है, ऐसे में इनके अनुभवों का लाभ लिया जाएगा। सड़क परियोजनाओं एवं रोपवे को लेकर लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। मंत्री सतपाल महाराज ने नितिन गडकरी से राज्य के विभिन्न राज्य मार्गों के उच्चीकरण कर राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पीएमसी के अंतर्गत मसूरी में स्वीकृत महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी दो लेन टनल परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड को कार्यदाई संस्था घोषित किए जाने और पर्वतमाला परियोजना के दिशा निर्देशों में राज्य सरकार के निवेश हिस्सेदारी की शर्त से छूट के साथ साथ परियोजना से प्राप्त आय में सुनिश्चित भाग प्रदान करने आदि अनेक महत्वपूर्ण विषयों को लेकर चर्चा की।

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