देहरादून। मॉनसून सीज़न के आते ही चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या तेज़ी से कम होती दिख रही है। उत्तराखंड में आम तौर से मॉनसून 15 से 20 जून के बीच आता है, लेकिन इस बार करीब 9 दिन देरी से पहुंचा। हालांकि तीर्थ यात्रियों की संख्या में गिरावट 15 जून के बाद से ही शुरू होती दिखी। अब तक के आंकड़ों पर नज़र डालें तो प्रदेश में 26 लाख 31 हजार श्रद्धालु इस यात्रा सीज़न में पहुंच चुके हैं। बद्रीनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 9 लाख पार करने जा रहा है।
प्रदेश में 15 जून को करीब 50 हजार श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन दो सप्ताह बाद यात्रा आधी से कम रह गई। 29 जून को दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 20 हजार के आंकड़े तक सिमटती दिखी। माना जा रहा है कि यह संख्या मॉनसून सीज़न के दौरान अभी और घटेगी। चूंकि बारिश में उत्तराखंड में चुनौतियां बढ़ जाती है और चार धाम यात्रा मार्गों पर जगह जगह भूस्खलन, भूधंसाव और सड़कें बहने की नौबत आ जाती है। इसलिए तीर्थयात्रियों की संख्या भी कम रह जाती है।कोविड काल के बाद इस साल बगैर प्रतिबंधों के साथ श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या के साथ चार धाम यात्रा शुरू हुई थी। 3 मई को यमुनोत्री व गंगोत्री, 6 मई को केदारनाथ और 8 मई को बद्रीनाथ के कपाट खुले तो शुरुआती दिनों में यात्रियों का सैलाब उमड़ने से कई समस्याएं भी खड़ी हो गई थीं। तब 35 हजार श्रद्धालु केदारनाथ, 40 हजार बद्रीनाथ, 30 हज़ार गंगोत्री और 15 हजार श्रद्धालु यमुनोत्री में रोज़ाना पहुंच रहे थे।
माॅनसून ने रोकी चारधाम यात्रा की रफ्तार
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