Saturday, July 27, 2024
Home उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने किया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री ने किया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव में प्रतिभाग

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आई.आई.टी. रूड़की के 175 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित ‘‘सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव-2022‘‘ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 175 वर्षों से आईआईटी रुड़की भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में देश एवं प्रदेश को गौरवान्वित करता रहा है। आईआईटी रूड़की से पढ़े अनेकों विद्यार्थी आज देश के वरिष्ठ पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं एवं अपने ज्ञान एवं कुशलता से देश का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विभिन्न विषयों पर शोध के क्षेत्र में भी संस्थान ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आई.आई.टी रुड़की ने हमेशा ज्ञान-विज्ञान को एक नई दिशा देने का कार्य किया तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सदैव उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। तथा उन्होंने कहा कि इस कान्क्लेव में होने वाले मंथन से प्राप्त होने वाले सूत्र ना केवल उत्तराखण्ड बल्कि हमारे देश और दुनिया के लिए भी अमृत के सामान होंगे।
उन्होंने कहा कि दो दिवसीय यह आयोजन सामाजिक जागरूकता और समाज को विकसित करने का काम करेगा। उन्होंने कहा विकास शब्द से ही प्रलक्षित होता है कि ऐसा विकास जो सतत हो, उन्होने कहा निरंतर विकास से ही सभी समस्याओं का निदान संभव है। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा अनेक ऐसे मानक तय किए गए हैं जो कि सतत विकास को मापने का कार्य करते हैं। हमारे सतत विकास को आने वाले समय में दो ही बिंदु परिभाषित करेंगे जिसमें पहला हमारे लोगों का स्वास्थ्य और दूसरा हमारी पृथ्वी का स्वास्थ्य। उन्होंने कहा विकास को सुनिश्चित करने के लिए हमें गरीबी, भुखमरी रोगों से मुक्ति और प्राथमिक शिक्षा की सार्वभौमिक उपलब्धता जैसी चुनौतियों का सामना करना है इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन जैसे व्यापक विषय को भी केंद्र में रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जलवायु परिवर्तन के संकट को सतत विकास के अवसर में बदलने के लिए पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जल संरक्षण सहित अन्य विषयों पर विभिन्न नीतियों एवं योजनाओ का निर्माण किया है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां जी.ई.पी. की व्यवस्था बनायी गई है। इन सभी योजनाओं कि सफलता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा 8,832 करोड़ से अधिक की धनराशि का आवंटन किया गया है। जहां एक तरफ हम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने का कार्य कर रहे हैं वहीं जैविक खेती को प्रोत्साहन देने, सिंचाई के उत्तम तौर-तरीकों को अपनाने और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को गति देने का कार्य कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की सभी योजनाएं एवं नीतियां जनता की भागीदारी से बनाई जाएंगी तथा जनता की भागीदारी से ही उनको लागू किया जाएगा। हम एक उत्कृष्ट उत्तराखण्ड बनाने का विकल्प रहित संकल्प लेकर चल रहे हैं।

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