देहरादून। कोरोना से प्रभावित उत्तराखंड की लाइफ लाइन कहे जाने वाला पर्यटन क्षेत्र फिर से पटरी पर लौटने लगा है। पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या से न केवल इन स्थलों की रौनक बड़ रही है बल्कि अच्छा कारोबार होने से कारोबारियों के चेहरों पर चमक देखने को मिल रही है। उधर पर्यटन क्षेत्र की रफ्तार को और तेज करने के लिए पर्यटन विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।
राजधानी देहरादून के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल रोब्बेर्स केव, सहस्त्रधारा, लच्छीवाला, देहरादून जू, एफआरआई समेत मसूरी की वादियों में देश-दुनिया से आ रहे पर्यटकों से रौनक लौटने लगी है। पर्यटन विभाग आर्थिकी को बढ़ाने के साथ ही प्रदेश के भीतर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने की कवायद में जुटा हुआ है। इसी क्रम में कोरोना से स्थिति सामान्य होने के बाद सभी पर्यटक स्थलों को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। ताकि पर्यटन कारोबार से जुड़े स्थानीय लोगों का जीवन-यापन ठीक से हो सके। इसके साथ ही सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटक स्थलों में सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम किए गए हैं। पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। अच्छा कारोबार होने से सभी कारोबारियों को आर्थिक लाभ मिलेगा। कोरोना से सामान्य होती स्थिति को देखते हुए सैलानी घूमने के लिए निकल रहे हैं।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के चलते उत्तराखंड की आर्थिकी का एक बड़ा जरिया भी पर्यटन ही है। सीजन शुरू होने के साथ पर्यटन स्थलों में सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम किए गए हैं। कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रख पर्यटन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
राजधानी के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के उमड़ने से लौटने लगी रौनक, कारोबारियों के खिले चेहरे
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