वडाली ब्रदर्स की प्रस्तुतियों ने विरासत में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया
देहरादून। विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 के तीसरे दिन की शुरुआत “ कॉलोनियल एंड अफगान लिंक हेरिटेज वॉक’ के साथ शुरू हुआ, जिसमें गांधी पार्क से लेकर एस्लें हॉल, क्लॉक टावर, सैंट फ्रांसिस चर्च और रेंजर्स कॉलेज तक कि दुरी तय कि गई। सुबह 7 बजे इस वॉक में लगभग 5 किलोमीटर का सफर तय किया गया एवं इन सभी स्थानों के बारे में वॉक कर रहे लोगों को वहां के इतिहास और सभ्यता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। वॉक लीडर ने दून के प्रतिष्ठित क्लॉक टावर के बारे में रोचक तथ्य बताएं जो दुनिया का एकमात्र छह-मुख वाला क्लॉक टावर है। इस कॉलोनियल एंड अफगान लिंक हेरिटेज वॉक’ में लगभग 90 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ एवं उत्तर भारत के युवा वायलिन वादक संतोष कुमार नाहर ने शास्त्रीय संगीत ’हिंदुस्तानी शैली’ पर अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें संतोष कुमार नाहर वायलिन और बाबा भादकर नाथ शहनाई पर जुगलबंदी प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। संतोष कुमार नाहर ने अपनी मधुर स्वर शैली ’गायकी’ को ‘तांत्रिक’ शैली से जोड़कर अपनी गायकी एवं उसकी प्रस्तुति को एक अनोखी पहचान दिलाई है। संतोष कुमार नाहर ने भारतीय शास्त्रीय संगीतकार बाबा भादकर नाथ के लिए भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया हैं एव वे कम उम्र में अपने दादा, ओम प्रकाश जी के संरक्षण में शहनाई और हारमोनियम सीखना शुरू किया और संगीत मार्तंड, पंडित जसराज जी के छात्र भी हैं।
वही सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्य प्रस्तुति में वडाली ब्रदर्स लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वडाली ब्रदर्स के एक झलक पाने के लिए डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम में हजारो कि संख्या में लोग पहुचें एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। वडाली ब्रदर्स सूफी संत, रोमांटिक लोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी। वडाली ब्रदर्स, पंजाब के सूफी गायकों की एक प्रसिद्ध जोड़ी है जो मूल रूप से पूरनचंद जी और उनके छोटे भाई प्यारेलालजी से मिलकर बना है। पूरनचंद जी ने अपनी संगीत की शिक्षा पटियाला घराने के पंडित दुर्गा दास और उस्ताद बड़े गुलाम अली खान जैसे प्रसिद्ध आचार्यों से प्राप्त की।