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उत्तराखंड

विकास कार्यों में लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं कि जायगीः सीएम

देहरादून। कुमाऊं मंडल के अंर्तगत 05 करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं की समीक्षा बैठक सर्किट हाउस, काठगोदाम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री द्वारा दैवीय आपदा, निर्माणदायी संस्था, कानून व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ली गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने मण्डलीय अधिकारियों को योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र पर कार्य करने के निर्देश दिए जिससे योजनाओं का अधिकतम लाभ ससमय आम जनमानस को मिल सके। पेयजल निगम, पिथौरागढ़ से सक्षम अधिकारी द्वारा बैठक में उपस्थित न होने पर सीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मण्डलायुक्त को स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य अभियंता लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग, सिंचाई व अन्य विभाग के अभियंताओं द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि शासकीय विकास परक योजनाओं के निर्माण कार्यों में कतिपय ठेकेदारों द्वारा लेट लतीफी की जा रही है जिस सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री ने समस्त निर्माणदायी एजेंसियों को निर्देश दिए कि ऐसे ठेकेदारों को एक बार अंतिम मौका/चेतावनी देते हुए कार्यों में प्रगति लायी जाय। यदि चेतावनी के पश्चात भी ठेकेदार द्वारा समय से कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो सम्बन्धित ठेकेदार को न्यूनतम 03 वर्ष के लिए डिबार्ड किया जाय जिससे वह सरकारी निविदा प्रक्रिया में भाग न ले सके।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में अधिक समय न लगे, इसके लिए सम्बन्धित उपजिलाधिकारी ही भूमि अधिग्रहण हेतु सक्षम प्राधिकारी (काला सम्बन्धित) कार्य के लिए पदेन सदस्य होंगे। इससे पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग में भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी कार्यों के लिये शासन स्तर से काला को नोटिफाइड करना होता था जिसमें अधिक समय लग जाता था व विकास कार्यों में देरी होती थी।
मानस खण्ड कॉरिडोर के अंर्तगत 42 मंदिर चिन्हित किये गए हंै जिसके माध्यम से चरणबद्ध रूप से सड़कों का जाल बिछ जायगा व चैड़ीकरण होगा। सड़कों का विकास होने से पर्यटकों के लिए पर्यटन भी सुगम व सुलभ होगा साथ ही आर्थिकी भी सशक्त होगी। राज्य के विकास हेतु आवश्यक है कि राजस्व के स्त्रोत भी विकसित हो, इसके लिए मण्डलायुक्त को राजस्व, जीएसटी विभाग व अन्य विभागों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा को रोका नहीं जा सकता किन्तु आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। आपदा न्यूनीकरण हेतु समस्त अधिकारी सतर्क व एलर्ट रहे जिससे ससमय राहत व बचाव कार्य किया जा सके। आपदाग्रस्त क्षेत्र में ससमय राशन, दवाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। सम्वेदनशील क्षेत्रों पर सभी जिलाधिकारी पैनी नजर रखे।

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