टिहरी। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सली हमले में शहीद आईटीबीपी के जवान राजेंद्र रौथाण का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास कोटी गुसांई लाया गया। जहां पूरी सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। शहीद के पुत्र ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
बीते 14 मार्च को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों के बिछाये आईईडी विस्फोट में कोटी गुसाई निवासी आईटीबीपी के जवान राजेन्द्र रौथाण शहीद हो गए थे। मंगलवार को विशेष विमान से शहीद का पार्थिव शरीर देहरादून लाने के बाद उनके पैतृक गांव कोटी गुसांई लाया गया। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचने पर माहौल गमगीन हो गया। आईटीबीपी वाहन में शहीद की अन्तिम यात्रा देवप्रयाग से भागीरथी घाट पहुंची। जहां 23वीं बटालियन आईटीबीपी के जवानों ने शहीद सैनिक को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट अरविंद जाखड़, एसडीएम सोनिया पंत, सीओ रविन्द्र चमोली, थानाध्यक्ष संजय मिश्रा, ब्लॉक प्रमुख सूरज पाठक ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किये। शहीद के पुत्र सूरज सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। शहीद राजेंद्र अपने पीछे पत्नी पार्वती देवी, बेटा सूरज सिंह व बेटी अंजना को छोड़ गए, शहीद की बेटी अंजना का विवाह हो चुका है। बीते नवंबर में राजेंद्र छुट्टियों में घर भी आए थे। मौके पर आईटीबीपी के इंस्पेक्टर भवान सिंह जीना, एसआई होशियार सिंह, जेपी चंद, गबर सिंह बंगारीख,ज्योति कैतुरा,अशोक तिवारी,अर्जुन सिंह पंवार, जगदंबा प्रसाद भट्ट आदि मौजूद रहे।
शहीद राजेंद्र रौथाण को दी अंतिम विदाई
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