हरिद्वार। भारतीय मूल की अमेरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता शेफाली राजदान दुग्गल को नीदरलैंड में अमेरिका का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है। शेफाली का जन्म हरिद्वार में हुआ था। जब वह दो साल की थीं, तह उनका परिवार पेन्सिलवेनिया के पिट्सबर्ग आ गया था। इसके बाद जब वह पांच साल की हुईं तो उनका परिवार ओहाया के सिनसिनाटी में बस गया, जहां वह पली-बढ़ी। उन्होंने मियामी विश्वविद्यालय से स्नातक किया और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से परास्नातक की डिग्री हासिल की।
अमेरिकी सीनेट ने इस पद के लिए ध्वनि मत से दुग्गल (50) के नाम पर मुहर लगाई। दुग्गल के अलावा, वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर दो अन्य लोगों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। दुग्गल ने जुलाई में सीनेट में सुनवाई के दौरान विदेशी संबंधों से जुड़े मामलों की समिति से कहा था, मेरा जन्म भारत में हुआ था, लेकिन मेरी परवरिश अमेरिका में हुई।
दुग्गल एक अनुभवी राजनीतिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ महिला और मानव अधिकारों की प्रबल पैरोकार भी हैं। वह श्ह्यूमैन राइट्स वॉचश् की सैन फ्रांसिस्को समिति की सदस्य हैं। दुग्गल ने कहा, श्श्मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे देश में दया, अनुकंपा, ईमानदारी और मेहनत से बहाया गया पसीना काफी मायने रखता है। यही वजह है कि दुनियाभर के लोग हमें आशा और आजादी के प्रकाश स्तंभ के रूप में देखते हैं। मेरी कहानी कोई अनोखी नहीं है, लेकिन यह ऐसी कहानी है, जो अमेरिकी भावना और अमेरिकी सपनों की असीम संभावनाओं को दर्शाती है।
उन्होंने सीनेट में सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा था, मुझे सिनसिनाटी में केवल मां ने पाला-पोसा, जिन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए दो न्यूनतम वेतन वाली नौकरियां कीं। जब मैं काफी छोटी थी, तभी मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए थे और इसने मेरी जिंदगी की दिशा पर गहराई से और स्थायी रूप से असर डाला। दुग्गल राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह डेमोक्रेटिक नेशनल कमिटी के उप-राष्ट्रीय वित्तीय अध्यक्ष पद पर भी कार्य कर चुकी हैं।
हरिद्वार की बेटी शेफाली बनी नीदरलैंड में अमेरिका की राजदूत
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