देहरादून। ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी ने आईटीबीपी कर्मियों की पत्नियों के लिए आईटीबीपी देहरादून में मासिक धर्म स्वच्छता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया, जहां उन्होंने फ्रांस के एक प्रसिद्ध ब्रांड लोक्सीटेन के सहयोग से मासिक धर्म कप और स्वच्छता उत्पाद वितरित किए। आरोग्यधाम अस्पताल की डॉ. मानसी कुकरेती के नेतृत्व में कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना, पोषण के महत्व, मासिक धर्म कप के उचित उपयोग व सफाई और सैनिटरी उत्पादों के सुरक्षित डिस्पोजल पर जोर देना रहा। ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी के संस्थापक अनुराग चैहान 14 साल की उम्र से ही सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं और उन्हें संयुक्त राष्ट्र, यूनिसेफ, भारत सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मंचों पर कई बार सम्मानित किया गया है।
इस अवसर के दौरान, उन्होंने भारत में खराब मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को खत्म करने के अपने मिशन को व्यक्त किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी महिला स्वच्छता उत्पादों तक जागरूकता या पहुंच की कमी का शिकार न हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वॉश परियोजना केवल एक पायलट पहल नहीं है, बल्कि सैकड़ों स्वयंसेवकों द्वारा संचालित एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है।
2014 में शुरू की गई वॉश परियोजना, देश में मासिक धर्म के बारे में जागरूकता की प्रचलित कमी को संबोधित करते हुए, ज्ञान के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास करती है। भारत के विकास और प्रगति के बावजूद, मिथक और वर्जनाएँ आज भी कायम हैं, जैसे कि यह धारणा कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को रसोई में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए।
वॉश परियोजना उत्तराखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना सहित छह राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों को लक्षित करती है।
ह्यूमन्स फॉर ह्यूमैनिटी ने आईटीबीपी देहरादून में मासिक धर्म स्वच्छता पर कार्यशाला आयोजित की
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