देहरादून। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के एमेरिटस प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश भट्ट की टीम ने बताया कि तापमान मे वृद्धि होने के साथ ही मिस्सरपुर गंगा घाट में राजहंस का एक बड़ा फ्लाक अपनी स्वदेश वापसी के लिए पहुँच चुका है। इस फ्लाक में करीब 100 से 120 राजहंस है। यह पक्षी लगभग 8600 फीट की ऊंचाई के हिमालयी क्षेत्रो को पार कर शीतकाल प्रवास के लिए भारतीय उपमहाद्वीप मे आता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि राजहंस नामक पक्षी को कई दफा एवरेस्ट की ऊंचाई पर भी उडते देखा गया है। प्रोफेसर भट्ट ने बताया कि वापसी के कारणों में मार्च में तापमान व दिनमान का बढ़ना प्रमुख है। आंतरिक कारणों में जैविक घड़ी द्वारा सुझाया गया मार्गदर्शन है। जैविक घड़ी पक्षियों के मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस क्षेत्र में स्थित बताई जाती है। जो अनेक प्रकार से पक्षियों के व्यवहार एवं प्रवास को नियंत्रित करती है।