ऐसे वक्त में जब दुनिया के तमाम देश करीब दो साल तक कोरोना संक्रमण के आगोश में रहने के बाद सामान्य जिंदगी की ओर कदम बढ़ा रहे थे, एक नये वेरिएंट ओमीक्रॉन ने तमाम देशों की नींद उड़ा दी है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका समेत कुछ देशों में पाये गये इस वेरिएंट को अब तक सबसे ज्यादा म्यूटेशन करने वाला बताया गया है, जिसके चलते वैज्ञानिक इसे डरावना व अब तक सबसे खराब वेरिएंट बता रहे हैं। अब सवाल उठने लगे कि यह कितना संक्रामक है और वैक्सीन लगाने के बावजूद यह कितनी तेजी से फैल सकता है। साथ ही इससे बचाव के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए। कह सकते हैं कि इस वायरस को लेकर अभी कयास ज्यादा है पुख्ता जवाब कम हैं। पिछले दिनों एम्स के डायरेक्टर ने दावा किया था कि तीसरी लहर की संभावनाएं क्षीण हैं, लेकिन अब चिंताएं फिर से बढऩे लगी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी हरकत में आया है और राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्ड़ों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं। जाहिर बात है इसके तीव्र प्रसार वाले बहुरूपिया स्वरूप ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कहते हैं कि इस वेरिएंट में पचास से अधिक म्यूटेशन देखे गये हैं और उसमें तीस से अधिक स्पाइक प्रोटीन में, जिसके जरिये यह मानवीय कोशिकाओं पर हमला बोलता है। अब सवाल उठने लगा है कि क्या यह वेरिएंट अब तक उपलब्ध तमाम टीकों से हासिल इम्यूनिटी को बेअसर कर देगा?
दरअसल, कुछ देशों में दोनों टीका लगाने वाले लोग भी इसका शिकार बने हैं। हांगकांग में होटल के अलग कमरों में ठहरे लोगों में इसके प्रभाव के बाद आशंका पैदा हुई कि यह हवा से भी फैल सकता है? जब तक इस नये वेरिएंट के बारे में स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है, हमारी सजगता, सावधानी व सतर्कता ही प्राथमिक उपचार है। चिंता है कि वैज्ञानिकों व सरकारों ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ जो प्रतिरोधकता हासिल की है कहीं उस पर नये वेरिएंट से पानी तो नहीं फिर जायेगा? दरअसल बचाव के उपाय के लिये सरकारों द्वारा उठाये गये कदमों से लोग तंग होने लगे हैं। यूरोप के कई देशों में नई लहर के बाद जो प्रतिबंध लगे उनके खिलाफ लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किये। वाकई महामारी ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को रौंदा तो मार आम लोगों पर ही पड़ी। ऐसे में जरूरी है कि लोग बचाव के आम उपायों सुरक्षित दूरी, मास्क और सफाई का ध्यान रखें और विदेशों से आने वाले लोगों पर निगरानी रखकर कड़ी जांच की जाये। तभी हम तीसरी लहर के खतरे को टाल सकते हैं। हकीकत यही है कि इस्राइल जैसे देशों में जहां टीकाकरण सबसे पहले पूरा हुआ, वहां भी सरकार घबराकर आपात स्थिति घोषित करने की सोच रही है। तमाम देशों ने दक्षिण अफ्रीका समेत प्रभावित देशों की उड़ानें बंद कर दी हैं। नये वेरिएंट से कई देशों के स्वास्थ्य ढांचे के चरमराने का खतरा पैदा हुआ है।