Sunday, December 1, 2024
Home ब्लॉग तीसरी लहर का खतरा

तीसरी लहर का खतरा

कोविड-19 वायरस के अब तक के सबसे संक्रामक रूप ओमिक्रॉन के मरीज कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में भी मिले हैं। यह बात सही है कि अभी भारत में इसके मामले बहुत कम हैं, लेकिन इसकी संक्रामकता को ध्यान में रखते हुए जानकार यहां कोविड की तीसरी लहर की भविष्यवाणी करने लगे हैं। एक और दिक्कत यह है कि ओमिक्रॉन के मामले में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भी अपने टीकों को लेकर श्योर नहीं हो पा रही हैं।
पिछले दिनों अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के सीईओ ने कहा भी था कि ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में इतनी बड़ी संख्या में म्यूटेशन हो रहे हैं कि यह वैक्सीन लगाने के बाद बनी एंटीबॉडीज से बचने में कामयाब हो सकता है। इससे ओमिक्रॉन को लेकर फिक्र बढ़ी है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि ओमिक्रॉन भले ही संक्रामकता के मामले में कोविड-19 वायरस की दूसरी किस्मों से आगे है, लेकिन यह उतना जानलेवा नहीं है। यों तो इस बारे में समय के साथ अधिक जानकारी सामने आएगी, लेकिन यह मानी हुई बात है कि म्यूटेशन के साथ वायरस कम जानलेवा होता जाता है।

अभी तक दुनिया के जिन देशों में ओमिक्रॉन के मरीज मिले हैं, उनमें से किसी के भी मरने की खबर नहीं आई है। फिर भी एक्सपर्ट्स की भविष्यवाणी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इस मामले में दूसरी लहर के दौरान के सबक याद रखने होंगे, जब स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लाचार दिख रही थी। तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के साथ कुछ और बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इधर, वैक्सिनेशन की रफ्तार धीमी पड़ी है। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं, जो वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज लगवाने में लापरवाही बरत रहे हैं।

इस मामले में केंद्र और खासतौर पर राज्य सरकारों को खास पहल करनी होगी। राज्यों को यह भी पक्का करना होगा कि कोविड की जांच की रफ्तार धीमी ना पड़े। दूसरी लहर के बाद कोरोना के मामलों के कम होने के साथ लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने को भी लेकर लापरवाह हुए हैं। याद रखना होगा कि कोविड-19 महामारी खत्म नहीं हुई है और इससे बचने का पहला उपाय सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग है। सरकार को भी ओमिक्रॉन को लेकर चौकस रहना होगा। अगर इसके हॉट स्पॉट उभरते हैं तो जल्द से जल्द वहां से दूसरी जगहों पर संक्रमण रोकने के उपाय करने होंगे। दूसरी लहर के दौरान जिस तरह से पूर्ण लॉकडाउन से बचा गया, वह इकॉनमिक रिकवरी में मददगार साबित हुआ।
संभावित तीसरी लहर में यह सबक भी याद रखना होगा। आखिर में, ओमिक्रॉन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। जिस तरह से दुनिया से कोरोना महामारी से निपटने के लिए रेकॉर्ड समय में वैक्सीन बनाई। जिस तरह से सामान्य जिंदगी की ओर लौटने की कोशिश हो रही है, वह काबिल-ए-तारीफ है। इसमें कोई शक नहीं है कि दुनिया ओमिक्रॉन के खतरे से भी उबर जाएगी।

RELATED ARTICLES

कमाल ख़ान के नहीं होने का अर्थ

मैं पूछता हूँ तुझसे , बोल माँ वसुंधरे , तू अनमोल रत्न लीलती है किसलिए ? राजेश बादल कमाल ख़ान अब नहीं है। भरोसा नहीं होता। दुनिया...

देशप्रेमी की चेतावनी है कि गूगल मैप इस्तेमाल न करें

शमीम शर्मा आज मेरे ज़हन में उस नौजवान की छवि उभर रही है जो सडक़ किनारे नक्शे और कैलेंडरों के बंडल लिये बैठा रहा करता।...

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी को गंभीरता से लें

लक्ष्मीकांता चावला भारत सरकार और विश्व के सभी देश विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों, सलाह और उसके द्वारा दी गई चेतावनी को बहुत गंभीरता से...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी

बदरीनाथ/केदारनाथ। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किये। प्रसिद्ध...

भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंची विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी

बदरीनाथ। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण देर शाम बदरीनाथ धाम पहुँची तथा भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये। बदरीनाथ पहुंचने पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर...

उत्तराखंड हैल्थ प्रीमियर लीग का समापन, यूपीसीएल ने जीता खिताब

देहरादून। उत्तराखंड में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित उत्तराखंड हेल्थ प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट का समापन भव्यता से हुआ। इस...

मंत्री गणेश जोशी की अगुवाई में हुआ गोर्खा दशैं दीपावली महोत्सव का समापन

देहरादून। उत्तराखंड के कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की मौजूदगी में रविवार को गोरखा दशैरू दीपावली-2024 का समापन हो गया है। आयोजित...

Recent Comments