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उत्तराखंड

हृदय रोगियों के इलाज के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने मेडिट्रीना हॉस्पिटल से किया एमओयू

देहरादून। देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में हृदय रोगियों को बेहतर इलाज के लिए उत्तराखंड सरकार ने केरल के मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स से हृदय रोगों के इलाज के लिए करार किया है। बुधवार को देहरादून में प्रदेश चिकित्सा मुख्यालय पर आयोजित बैठक में चिकित्सा विभाग की डॉयरेक्टर जनरल डॉ तृप्ति बहुगुणा और मेडिट्रीना हॉस्पिटल के चैयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एन प्रथाप कुमार के बीच एमओयू साइन किया गया। इस अवसर पर पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) सहनिदेशक डॉ तुहिन और मेडिट्रीना के नॉर्थ जोन सीओओ (चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर) प्रवीण तिवारी भी शामिल रहे। प्रवीण तिवारी ने बतााया कि उत्तराखण्ड सरकार मेडिट्रीना हॉस्पिटल के साथ सात साल के लिए अनुबंध हुआ है। जिसमें उनके विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट की टीम आधुनिक तकनीक से जटिल से जटिल हार्ट सर्जरियां करने में सक्षम है। राज्य के सरकारी सेवारत व सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारी, आयुष्मान भारत योजना, बीपीएल, ईएसआईसी, ईसीएसएच, सीजीएसएच कार्ड धारक हद्य रोगियों को निरूशुल्क और सामान्य श्रेणी के मरीजों को रियायती दरों पर सरकारी इलाज मिलेगा। खास बात यह रहेगी कि यहां बच्चों के हृदय रोग संबंधित उपचार और सर्जरियां भी की जा सकेगी।
उत्तराखण्ड देश का पांचवां राज्य होगा जहां के हृदय रोगियों को मेडिट्रीना अस्पताल अपनी आधुनिक तकनीक से बेहतर और सुरक्षित इलाज देगा। वर्तमान में मेडिट्रीना ग्रुप चार राज्यों और दो अंतर्राष्ट्रीय लोकेशंस में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर हृदय रोगियों का इलाज कर रहे। जिसमें हरियाणा राज्य के फरीदाबाद, पंचकुला, अंबाला, गुरूग्राम, झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर, केरल में कोल्लम, त्रिवेन्द्रम, यूपी के आजमगढ़ सहित अंतर्राष्ट्रीय लोकेशंस मालदीव और केन्या में इंदिरा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में अपने हार्ट सेंटर सफलता पूर्वक चला रहा हैं।मेडिट्रीना ग्रुप के सीओओ प्रवीण तिवारी ने डॉ. प्रथाप के बारे में जानकारी देते हुए बताया की वह कार्डियोलॉजिस्ट के एक संगठन, नेशनल इंटरवेंशनल काउंसिल के चेयरमैन हैं और आईजेसीटीओ के पाठ्यक्रम डायरेटर हैं, संगठन कार्डियोलॉजिस्ट को सीटीओ करने के लिए शिक्षित करता है। वह सीटीओ, एलएमसीए और केल्सीफाइड घावों जैसे जटिल कोरोनरी रोगों के सफल उपचार में माहिर हैं। और विदेशी धरती पर भी ऑपरेशन कर चुके हैं, और अब तक 18000 से अधिक एंजियोप्लास्टी कर चुके हैं।

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