देहरादून। उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना द्वारा जनपद देहरादून के हरबर्टपुर क्षेत्र के दून वेली इण्टरनेशनल स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में प्रबन्धक एवं प्रधानाचार्य अनुपस्थित मिले तथा वहां प्रबन्धक कक्ष में उपस्थित फातिमा, जिनके द्वारा स्वयं को काॅरडिनेटर बताया गया, जिसके उपरान्त भी उनके द्वारा उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम को औचक निरीक्षण में सहयोग प्रदान नहीं किया गया।
विद्यालय में बच्चों के बस्तों का वजन मानकों से कहीं अधिक था। कक्षा 8 बच्चों के बैग का वजन 10-12 किलो आंका गया। अध्यक्ष द्वारा बच्चों से बातचीत की गई। बच्चों को बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में जानकारी नही थी। बच्चों द्वारा बताया गया कि उनकी प्रधानाचार्य कल्पना गुप्ता पिछले एक माह से स्कूल छोडकर जा चुकी है। बातचीत के दौरान बच्चों द्वारा यह भी बताया गया कि समय-समय पर शिक्षक परिवर्तित किए जाते हैं और शिक्षकों द्वारा मारपीट भी की जाती है। स्कूल स्टाफ से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि प्रधानाचार्य का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण व चिकित्सीय अवकाश पर है। वर्तमान समय में प्रधानाचार्य के दायित्वों का वहन किसी के द्वारा नही किया जा रहा है। विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को न्यून वेतन में रखा गया है। आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी द्वारा बच्चों से गुड टच, बेड टच, पोक्सो के बारे में बातचीत की गई, जिस पर बच्चों को कोई जानकारी नही थी तथा बच्चों को बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के बारे में भी कुछ पता नही था, जिस पर सदस्य द्वारा बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराया गया। पुस्तकालय के निरीक्षण करने पर वहां कक्षा 12 के बच्चे उपस्थित थे, जिन पर वार्ता करने पर अवगत कराया गया कि आज हृयूमैनिटी की कक्षा है, किन्तु शिक्षक नही होने के कारण उन्हें पुस्तकालय में नोट्स से अध्ययन करना पड रहा है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया दून वेली स्कूल का औचक निरीक्षण, कई खामियां मिली
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