देहरादून। एवरेस्ट फतह करने वाली देश की पहली डैफ माउंटेनियर अमीषा चैहान को देहरादून में सम्मानित किया गया। इस मौके पर आप के प्रदेश संगठन समन्वय जोत सिंह बिष्ट और सभी पदाधिकारियों ने अमीषा चैहान और उनके माता-पिता का फूल मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान अमीषा ने अपनी जर्नी के बारे में भी बताया।
राज्य की शान बढ़ाने वाली अमीषा चैहान टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के भैंसवाड़ी गांव की रहने वाली हैं। अमीषा ने कहा बचपन में उसने पायलट बनने का सपना देखा था, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। मीषा ने उत्तरकाशी में 2007 में ट्रेकिंग की शुरुआत की। जिसके बाद उनकी मुलाकात बछेंद्री पाल से हुई। वहीं से उन्होंने इसकी प्रेरणा ली। अमीषा चैहान ने बताया वह भारत की पहली डैफ स्कीइंग प्लेयर हैं और 2024 में होने जा रहे ओलंपिक के लिए उन्हें सरकार अगर मदद करें तो वह राज्य के साथ देश का नाम भी रोशन करेंगी। 6 मई 2018 को अमीषा ने 71.5 घंटे में सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया। उन्होंने भारत की सबसे तेज पर्वतारोही होने का नया कीर्तिमान बनाया। इसकी ऊंचाई 18510 फीट है। वहीं, 30 दिसंबर 2017 को अमीषा नेम माउंट केले मंजारो की 19341 फीट की सबसे ऊंची चोटी को 54 घंटे में फतह कर फास्ट क्लाइंबर पहली भारतीय महिला होने का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद 23 मई 2019 को अमीषा ने तमाम कठिनाइयों से जूझते हुए माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराते हुए भारत की डैफ पर्सन बनीं।
भारत की पहली डैफ माउंटेनियर अमीषा को आप ने किया सम्मानित
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