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उत्तराखंड

तीर्थ पुरोहित और संत समाज ने जताई खुशी

-देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर किया गंगा दुग्धाभिषेक व पूजन

हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा पर तीर्थ पुरोहित और संत समाज ने खुशी जताई है। इस मौके पर गंगा सभा के पदाधिकारियों ने गंगा में दुग्धाभिषेक कर पूजन किया। संत समाज और तीर्थ पुरोहितों ने सरकार का आभार जताया है। निरंजनी अखाड़े में मिठाई बांटकर संतों ने खुशी का इजहार किया।  जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि सरकार ने तीर्थ पुरोहितों की मांग को पूरा करके साबित कर दिया है कि वह पुरोहित और संत समाज की हितैषी है। मुख्यमंत्री धामी अच्छा काम कर रहे हैं। ये उन्होंने काम करके साबित भी कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि मठ-मंदिरों पर केवल संतों का अधिकार ही होना चाहिए। उधर, अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी(निरंजनी) ने मुख्यमंत्री द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्हें साधुवाद भी दिया है। निरंजनी अखाड़े में संतों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई। पंचायती अखाड़ा निरंजनी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि आज का दिन संत समाज और तीर्थ पुरोहितों के लिए बहुत खास दिन है। मुख्यमंत्री धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर बड़ा दिल दिखाया है।

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा पर गंगा सभा के पदाधिकारियों ने गंगा में दुग्धाभिषेक कर पूजन किया। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि आज का दिन ऐतिहासिक है। देवस्थानम बोर्ड का 2 वर्षों से तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे थे और लगातार आंदोलन चल रहा था। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला स्वागत योग्य है। आज सभी तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन की जीत हुई है। उन्होंने इसके लिए धामी सरकार का धन्यवाद किया है।

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