अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं निलंबित रहने से हो रहा नुकसान : विस्तारा
नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं अब तक सुचारू रूप से शुरू नहीं हो सकी हैं। इस वजह से एयरलाइन कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। इस नुकसान का जिक्र करते हुए विस्तारा एयरलाइन ने बताया कि वित्तीय सेहत प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही विस्तारा ने आगाह किया कि विमानन क्षेत्र के संकट से बाहर आ जाने का निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी ही होगी। विस्तारा के अधिकारी ने कहा कि विमानन क्षेत्र के पुनरुद्धार की सभी भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं। यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारतीय विमानन उद्योग पूरी तरह से संकट से बाहर आ चुका है। अधिकारी ने कहा कि ”अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लंबे समय तक निलंबित रहने से ज्यादातर एयरलाइंस की वित्तीय सेहत प्रभावित हो रही है, जिससे उनकी आमदनी पर दबाव बढ़ रहा है। कन्नन ने आगे कहा, ”हालांकि दुनियाभर में टीकाकरण से सकारात्मकता पैदा हुई है, लेकिन स्थिति अभी अप्रत्याशित है। कन्नन अभी विस्तारा के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी (सीसीओ) हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लगातार यात्रा पाबंदियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय खंड में मांग का पुराने स्तर पर पहुंचना अभी काफी दूर है। बता दें कि घरेलू मोर्चे पर हवाई यातायात कोविड-19 से पहले के स्तर के पास पहुंच चुका है। एक साल पहले की तुलना में घरेलू स्तर पर हवाई यातायात 70 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, महामारी के कारण मार्च, 2020 के अंत से भारत के लिए और भारत से अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाएं निलंबित हैं। भारत एयर बबल व्यवस्था के तहत 25 से अधिक देशों के लिए हवाई उड़ानों का परिचालन कर रहा है। अभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 30 नवंबर तक निलंबित हैं। लेकिन आगे के लिए भी स्थिति साफ नहीं है। कुछ देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सामान्य हो पाएंगी या नहीं, यह तय नहीं है।